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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

काश तू होती राधा मेरी

कापीराइट गीत

काश तू होती राधा मेरी और मैं तेरा कन्हैया
रास रचाते मिल कर दोनों करते ता-ता थैईया
काश मैं होती राधा तेरी और तू मेरा कन्हैया
रास रचाने मिल कर दोनों करते ता-ता थैईया

तेरे यौवन की मस्ती यूं मेरे दिल पर छाई है
मेरे घर के आंगन में यह घटा निराली छाई है
आओ बारिश की बूंदों में कर लें ता-ता थैईया
रास रचाते मिल कर -------------

पीपल का यह पेड़ जो होता मेरे घर के आगे
प्रेम रंग में रंग जाते हम बांध के कच्चे धागे
आओ बन कर रास रचाएं राधा और कन्हैया
रास रचाते मिल कर ---------------

बैठ के पीपल के नीचे हम दोनों रोमांस करें
एक दूजे की बाहों में डालके बांहे डांस करें
आ जमना की लहरों पर कर लें ता-ता थैईया

रास रचाते मिल कर --------------

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

वन्दना सूद said

😊👌👍

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित नमस्कार वन्दना जी।

श्रेयसी said

Bahut sunder rachna, kadam ka ped bhi ho to kya kahne👌👌🙏🙏

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित नमस्कार श्रेयसी जी, हरियाणवी संस्कृति में पीपल का पेड़ ही अधिक प्रचलित है,जबकि कन्हैया को कदम का पेड़ अच्छा लगता है। आपको सादर प्रणाम।

रीना कुमारी प्रजापत said

👌👌✍️✍️👏😀🙏

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित सादर प्रणाम मेरी प्यारी बहना। आपकी निशब्द प्रतिक्रिया भी उतनी ही प्रभावशाली है, जितना आप अभिव्यक्ति के द्वारा करती हैं।आपका हार्दिक स्वागत एवं धन्यवाद।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

प्रणाम सर जी, स्वास्थय समस्याओं के चलते आपकी रचनाओं को बहुत मिस किया अभी थोड़ा बेहतर फील कर रहा हूँ आपको पढ़कर वही राग और संगीत वाली रचनायें फिर से याद आगयीं - बहुत ही सुन्दर एवं प्यारा गीत

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात सहित सादर प्रणाम सर, पुनः स्वागत है आपका। आपको आज फिर लिखनतु पर देखकर अति प्रसन्नता हुई। यह जानकर हार्दिक खुशी हुई कि आप बेहतर फील कर रहे हैं। आपका दिल से धन्यवाद।

कमलकांत घिरी said

आपकी ता-ता थैईया तो बहुत बढ़िया है सर जी👌"बैठ के पीपल के नीचे हम दोनों रोमांस करें, एक दूजे की बाहों में डालके बांहे डांस करें आ जमना की लहरों पर कर लें ता-ता थैईया.. हां जरूर कीजिए😊😃👌👌👍👏👏✍️🙏।।प्रणाम।।🙏

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात सहित बहुत बहुत धन्यवाद कमलकांत भाई, अगर आप भी इस कोर्स में साथ होते मजा और भी बड़ जाता, खैर आपकी प्रतिक्रिया भी बहुत सुन्दर है आपको दिल से सलाम।

Updesh Kumar Shakyawar said

Indeed your poetry is wonderful...keep rocking God bless you 🙏🏻🙏🏻🙏🏻

Lekhram Yadav replied

You are always welcome sir

Tulsi patel said

आपकी रचना बहुत बढ़िया है सर जी 😊👌🏻

Lekhram Yadav replied

आदरणीय तुलसी पटेल जी आपका बहुत-बहुत शुक्रिया कि आपने मेरी बात मान कर मेरी रचना पर अपनी प्रतिक्रिया दी, आपको सादर नमस्कार।

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