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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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कविता की खुँटी

                    

एक और कविता मिल जाएगी

तुम्हें जितने ज़ुल्म ढहाने है ढहा लो,
हमारा क्या ?
हमे तो एक और कविता मिल जाएगी।

जितना दगा दोगे उतना ही हम मुस्कुराएंगे,
और कलम में वही स्याही भर काग़ज़ पर चलाएंगे।

कविता के लिए हर कीमत चुकाने को तैयार हैं हम,
ले लो जो भी है सब हमारा क्या ?
हमे तो एक और कविता मिल जाएगी।

जितना हमें तड़पाओगे हम उतने ही मजबूत बनेंगे,
और तुम्हारे दिए इसी दर्द को कलम में उतार
निखरते जाएंगे।

बोलो जितने भी अपशब्द बोलने है,
हमारा क्या ?
हमे तो एक और कविता मिल जाएगी।

जितना सुनाओगे हम उतने ही समझते जाएंगे,
और ख़ामोशी से, अपनी कलम को बेमिसाल बनाएंगे।

🖋️🖋️ रीना कुमारी प्रजापत




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

श्रेयसी said

वाह बहुत सुंदर सच कहा आपने ✍️✍️

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji shukriya 🙏😊

सुभाष कुमार यादव said

और तुम्हारे दिए इसी दर्द को कलम में उतार निखरते जाएंगे। ......बहुत सुंदर।👌👌

रीना कुमारी प्रजापत replied

तह ए दिल से बहुत बहुत शुक्रिया आपका 🙏

Vadigi.aruna said

बहुत खूब👌👌

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanks ji

शिवचरण दास said

बहुत खूब रीना जी. .. कलम तो बैसे ही बेमिसाल है

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji bahut bahut shukriya apka 🙏😊

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह बहुत खूब बहुत खूब। " अरे मन अपनी हसरतों को कहां तक छिपाओगे, मेरी क़लम की नजरों से, कैसे बच पाओगे। आपकी रचना का अभिनंदन।

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत आभार आपका 🙏

पवन कुमार "क्षितिज" said

वाह..पहली लाईन से ही कविता के प्रति प्रेम नज़र खूब दिखाया आपने ..👌👍

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया जी 🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

बहुत जबरदस्त! ये कविता दर्द को भी उम्मीद और हौसले में बदलने की ताकत दिखाती है। हर ज़ख्म से नया जज़्बा पैदा होता है और कलम से वो कहानी निकलती है जो दिल की सच्चाई बताती है। सच में, ऐसी कविताएं दिल को छू जाती हैं। ......बहुत सुंदर।👌👌

रीना कुमारी प्रजापत replied

आपकी इतनी खूबसूरत प्रतिक्रिया से मन तरबतर हो गया है.....दिल की गहराइयों से बहुत बहुत शुक्रिया आपका 🙏🙏

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