जोड़ जोड़ कर,
भर रहा तिजोरी और बक्सों में।
गायब हो जाएगा,
नाम तेरा नक्शों में।
पंछी अकेला उड़ जाएगा,
तू बहुत पछताएगा।
तेरा करा,
तेरे सामने आएगा।
गरीबों की हाय,
तुझे चैन कहां लेने देगी।
एक-एक पल का,
वह हिसाब लेगी।
कर्मों का लेखा-जोखा,
वहां होगा।
सच और झूठ,
अपने-अपने पल्ले में होगा।