जिला विद्यालय निरीक्षक अलीगढ़ दे रहे हैं भ्रामक सूचनाएं, नहीं रहा जिलाधिकारी के आदेश का डर- शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमन सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि मुख्य सचिव मुख्य सचिव मनोज कुमार ने सभी जिलाधिकारियों व कमिश्नरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यह निर्देश दिए कि जिलाधिकारी प्रतिदिन दो असंतुष्ट फीडबैक वाले आइजीआरएस प्रकरणों की समीक्षा करेंगे। शिकायत निवारण करते वक्त भ्रामक आख्या लगाने वाले अधिकारीयों व कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी जिला विद्या निरीक्षक मुख्यमंत्री पोर्टल पर एवं जिलाधिकारी को झूठे तथ्य एवं आधी अधूरी सूचनाएं देते हैं।
डॉ कंचन जैन ने बताया कि मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत संख्या 40014324034332 में
जिला विद्यालय निरीक्षक अलीगढ़ द्वारा भारत स्काउट और गाइड जिला अलीगढ़ फर्जी नियुक्ति प्रकरण एवं फर्जी नियुक्त की गंभीर प्रकृति की शिकायतों को भ्रामक,तथ्यहीन एवं निराधार बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। वर्षों से फर्जी नियुक्ति प्रकरण के साक्ष्य होने के बावजूद कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। बल्कि शिकायतकर्ता को प्रतिबंधित कर दिया गया। आर्थिक रूप से और मानसिक रूप से परेशान किया जाता है। नवीनीकरण शुल्क जमा होने के बावजूद फर्जी नियुक्ति प्रकरण में संलिप्त तीनों सरकारी प्रधानाचार्य श्री अंबुज जैन, डॉ इंदू सिंह, श्री डालेश कांकरान जी द्वारा लिखित में दिया गया की नवीनीकरण शुल्क जमा नहीं। मगर 3 जनवरी 2024 में जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा श्री अंबुज जैन से कहा गया कि शुल्क बैंक खाते में जमा है तो रसीद देंवे। मगर आज तक रसीदें नहीं दी। संयुक्त शिक्षा निदेशक अलीगढ़ मंडल अलीगढ़ द्वारा 25 अप्रैल 2023 एवं 16 अगस्त 2024 में उपरोक्त विषय पर जांच के लिए पत्र लिखा। दिनांक 3 अगस्त 2024 एवं 17 अगस्त 2024 में मा०शहर विधायक द्वारा भारत स्काउट और गाइड फर्जी नियुक्ति प्रकरण एवं नवीनीकरण शुल्क की पक्की रसीदें दिलवाने के वास्ते निष्पक्ष जांच हेतु पत्र लिखे। मगर आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई।
रविंद्र कुमार शर्मा जनपद हाथरस द्वारा बताया गया कि भारत स्काउट और गाइड जनपद हाथरस में जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा मुख्यमंत्री पोर्टल पर, जिलाधिकारी को गलत सूचनाएं प्रेषित की गई। जिला विद्यालय निरीक्षक ने जवाब दिया कि श्री धीरेंद्र प्रताप सिंह पठन पाठन के बाद प्राइवेट एनजीओ का कार्य करते हैं। जब कि वह महाविद्यालयों में
उसी समय प्राइवेट एनजीओ का कार्य करते हैं जब उन्हें अपने स्कूल में बच्चों को पढ़ाना होता है। मानदेय एवं अन्य खर्च भी प्राप्त करते हैं।
इस तरह एक सरकारी वेतन भोगी दो-दो वेतन पाता है।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
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