दिन की बात और रही शाम की बात और।
रात होते होते चाँद कह देने की बात और।।
मेरे विचार उसके विचारो से मिल गये जब।
नक्षत्र बन नही पाई सितारो की बात और।।
महिला में देवी भी है और राक्षसी भी कही।
कोहरा बहाना 'उपदेश' स्पर्श की बात और।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद