मुझे लगता है
बीसवीं सदी ने
दो अमर संदेश रचे —
एक, दार्शनिकों के लिए
विट्गेन्स्टाइन की दृष्टि में —
“बोतल में बंद मक्खी,”
दूसरा, राजनेताओं के लिए
ओपेनहाइमर की चेतावनी —
“बोतल में बंद दो बिच्छू,”
ये दोनों अमर संदेश
मानवता के हित में कहे गए
ज्ञान और कल्याण हेतु रचे गए।
-प्रतीक झा 'ओप्पी'
इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज