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कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

दिल दुखाता है - सुप्रिया साहू

दिल दुखाता है

यूँ न आदत लगाओ अपनी
कि कोई इंतजार करते रहे आपकी
कम्भख्त आदत बहुत बुरी चीज़ है....
हर बार दिल दुखाता है.....।।

- सुप्रिया साहू




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

+

पवन कुमार "क्षितिज" said

वाह 👏

Supriya sahu replied

Shukriya sir🥰😊, Aapko Sadar pranaam 🙏🙏.

सुभाष कुमार यादव said

👌👌👌

Supriya sahu replied

Dhanyawad sir 🥰😊, aapko sadar pranaam 🙏🙏.

रीना कुमारी प्रजापत said

वाह 👏👏

Supriya sahu replied

शुक्रिया दीदी 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

श्रेयसी said

वाह सुंदर 👌👌

Supriya sahu replied

शुक्रिया मैम 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

इंतजार तो बिल्कुल नहीं करवाना चाहिए जी, किसी की दिल की बेबसी का खयाल रखना जरूरी होता है। खूबसूरत लिखा है सुप्रिया मेम!

Supriya sahu replied

बहुत बहुत धन्यवाद मनोज सर 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

बिल्कुल सही कहा आपने। आदतें अगर बेवजह किसी से जुड़ जाएं और इंतजार में बदल जाएं, तो दिल को ही तोड़ती हैं। बेहतर है कि अपने आप को बचाए रखें, ताकि हर बार दिल न टूटे - आपको सादर प्रणाम 🙏🙏

Supriya sahu replied

जी बिल्कुल सर, शुक्रिया🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

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