ये देखो भ्रष्टाचारी,
जा रहे जेल में।
खातों में करके हेरा फेरी,
करोड़ों के खेल में।
मुंह काला करके,
बैठाओ गधे पर।
मिले सबक औरों को,
निकालो रथ यात्रा चौराहे पर।
फर्जीवाड़ा करते-करते,
हेरा फेरी करते-करते।
अब तो शोषण कर रहे,
उन गरीब मजदूरों का।
हाय किसकी लग गई,
जिंदगी ही रूठ गई।
सोच रहे ऐ!"विख्यात"
अंकी इंकी डंकी लाल।
कटेगा बुढ़ापा ,
अब जेल में।