कुछ पल सुकूँ के देकर,
जिंदगी भर का चैन ले गए!!!
अब दिल लगता कहीं ना,
यूं हमको बेचैन कर गए!!!
आंखे मुंतजर रहती है रास्तों पर,
बस उनके ही वास्ते!!!
पर वो ना आए,
जाने कितने मौसम बदल गए!!!
अब टूटा दिल लेकर,
हम किससे फरियाद करें!!!
जिनको माना था खुदा,
वो पत्थर के हो गए!!!
दर दर भटकता हूं,
उनकी इक झलक के लिए!!!
जो मेरी जिंदगी में आकर,
वक्त से गुजर गए!!!
ताज मोहम्मद
लखनऊ

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




