सम अवस्थाएं कभी भी जीवन उत्पन्न नहीं कर सकती,
विपरीतता ही जीवन है,
बुराई इसलिए है क्योंकि गत अच्छाई में कुछ कमियां थीं,
और अच्छाई इसलिए क्योंकि गत बुराई को सुधार में लाया गया,
गत अच्छाई की कमियों को दूर किया गया,
ऐसे ही रात इसलिए है कि क्योंकि उजाला नींद नहीं दे सकता,
और दिन इसलिए क्योंकि रातें भूखी नहीं सोती है,
पेट भरने के लिए दिन चाहिए।।
इसलिए जीवन कमी और सुधार का खेल है,
दिन में पेट भरता है और रात में नींद आती है बस।।
- ललित दाधीच।।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




