अन्याय की जीत- डॉ एच सी विपिन कुमार जैन विख्यात
अन्याय की जीत पर,
न्याय की हार पर।
कभी हंसना नहीं,
ये दिल को मारता है।
सच की आवाज़ दब जाऐ,
ये क्या बात है,
कानून का राज चुक जाए,
ये क्या बात है।
धरती माँ रोए,
आकाश भी विलापे।
जब न्याय का तराजू,
झूठ का साथ दे।
कानून के ठिकाने,
जब हो नष्ट।
तब इंसानियत की हार,
ये क्या बात है।
अंधेरे में डूबे,
सच के दीपक बुझ जाएं।
जब झूठ की आग,
आसमान छू जाए।
कानून का शासन,
जब हो बेकार।
तब समाज का पतन,
ये क्या बात है।