मेरी झोली के कुछ अनमोल मोती
मेरी झोली में कुछ अनमोल मोती हैं
पर इतने नहीं हैं कि
उनसे एक माला बन सके
न ही इतने हैं
जिनकी गिनती लोगों को सुना सकें
हाँ ,पर ऐसे हैं
जिन्हें पाकर मेरा ख़ज़ाना खूब जगमगाता है
जिनके होने से मेरी हैसियत मेरी नज़र में ही बढ़ जाती है
ऐसी है उनकी योग्यता
कि माला के 108 मोतियों का जितना भी मोल लगा दो ,मेरे मोतियों से ज़्यादा नहीं हो सकता !
आज महफ़िलें जिनसे सजी रहती हैं
ये मोती मेरे वही दो चार अनमोल मित्र हैं
और मैं वो ख़ज़ाना
जिनके चरित्र की चमक मेरे चरित्र में भी नज़र आती है
आज के दौर में ऐसे मित्र
कृष्ण सुदामा की मित्रता की वास्तविकता बयान करते हैं
जो मेरे साथ रोते नहीं हैं और न ही मुझे रोने देते हैं
जीवन कोई व्यापार नहीं है कि देकर पाना है
ऐसी राह दिखाते हैं
समाधान बन मुझे हर पथ पर जीतना सिखाते हैं
नहीं है चाहत मुझे महफ़िलों की
जो जीवन को कमज़ोर बनाती हैं
शुक्रगुज़ार हूँ मैं ऐसी दोस्ती की
जो हर दम साथ न होकर भी साथ निभाती है..
वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




