निर्णय किसका बड़ा था
किसका था अधिक मूल्यवान?
जज साहब का
या उस शख़्स का
जो सुप्रीम कोर्ट तक पहुँचा
और अंततः रिहा हुआ।
जज साहब ने तो
सजा सुना दी थी
पर सोचो—
जो न गया सुप्रीम कोर्ट तक
वो न जाने कितनी जेलों में
बिना आवाज़
पड़ा है आज भी।
-प्रतीक झा 'ओप्पी'
इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज