छप जाती है आंखो मे तस्वीर
जो दिल के पास होते है
जी उठती है वह सांसे जिस मे
अपने का नजारा होता है
धडकने भी धडक जाती है
होठो पे जब नाम आता है
दुरिया भी कम लगती है
जब भी उसका जिक्र होता है
रूह बस जाती है जिसमे
दिल पराया हो जाता है
आंखे भी बंद करलो तो
उसका दीदार हो जाता है


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
The Flower of Word by Vedvyas Mishra







