हर समझौते में शामिल गोल-मटोल तर्क लिए,
तर्क-वितर्क के लिए तैयार पढ लिखकर हुए।
हम किसी से कम नही पेश करने में दम नही,
स्याह को सफेद करके चूना ब्यर्थ में मलते हुए।
खाने की मेज पर तूफ़ान खडा सरकार कमजोर,
मगर जनता समझदार होकर उन्माद से बचते हुए।
हम क्यो नही कुछ कर सकते जान जाते अगर,
पैसे की कीमत होती 'उपदेश' पक्ष में करते हुए।