(बाल कविता)
सेहत सही बनाती अरहर
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खेतों में लहराती अरहर ।
झूम झूम कर गाती अरहर।।
प्रोटीन फाइबर कॉपर से
युक्त सदा मुस्काती अरहर।
जिंक आयरन सेलेनियम से
सेहत सही बनाती अरहर।
जून जुलाई में बोते, नौ
माह बाद कट जाती अरहर।
निर्जन खेतों में संतो सा
निश्चल भाव जगाती अरहर ।
झूठ-बुराई बैर भाव के
पास कभी न जाती अरहर।
पत्तों से भूसा बन जाता
पशु की भूख मिटाती अरहर।
सूखे झांखर झाड़ू बनते
डलिया भी बनवाती अरहर।
दर कर जब दो दुकड़े होते
दाल तभी कहलाती अरहर।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई
सबके मुंह में जाती अरहर।
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√ राम नरेश उज्ज्वल