श्मशान में जाकर देखो,
सब शांत हैं।
कोई भी झगड़ा नहीं कर रहा,
कोई भी ईर्ष्या नहीं कर रहा।
सब बराबर हैं,
धरती माँ की गोद में सो रहे हैं।
तो फिर ज़िंदगी में ,
क्यों इतना झगड़ा करते हो?
आओ मिलकर संकल्प लें,
ज़िंदगी को सार्थक बनाएंगे,
प्यार और करुणा से भरपूर।
एक नई दुनिया बनाएंगे।
मुर्दों से सीख लेंगे,
ज़िंदगी का असली मकसद क्या है,
और इसी के अनुसार जीएंगे।