New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

ग्राम चौपाल - बढ़ती हुई गर्मी- आलेख ( पार्ट वन ) - वेदव्यास मिश्र

एक बड़ा सा बरगद का पेड़ और उसके चारों ओर बना हुआ गोल चबूतरा ही है हमारे ग्राम का चौपाल यानि ग्राम चौपाल ।

इसे हमारे गाँव का केन्द्र बिन्दु कह दें तो ये गलत न होगा !!

इसे पौराणिक व आधुनिक सी. सी. टी. व्ही. सेन्टर भी कह दें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी ।

यह हमारे गाँव का, आसपास का,राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय समाचार का हृदय स्थल भी है !!

यहाँ हर दिन समाचार का विषय वस्तु बदल जाता है !!

यह एक प्रकार से पूछताछ केन्द्र भी है क्योंकि कोई भी व्यक्ति जो इस चौक से गुजरता है उसे पता बताने वाला कोई न कोई बैठा हुआ व्यक्ति मिल ही जाता है ।

रमरतिया सिंह जी यानि मास्साब जो काफी वृद्ध हो चुके हैं !
शिक्षकीय नौकरी से रिटायर्मेंट हुए उन्हें लगभग दस साल हो चुके हैं मगर देखने से उन्हें आप इस उम्र का कह ही नहीं सकते !!

मास्साब प्रायमरी स्कूल के हेडमास्टर रह चुके हैं अपने ज़माने के ।
भले ही मैट्रिक पास हैं मगर क्या मज़ाल कि उन्हें किसी बात की जानकारी न हो !!

जानकारी हो तो भी और न हो तो भी,उनके ज्ञान का लोहा हर कोई मानता है गाँव में !!

हाँ, सबसे बड़ी खूबी है ..सबसे मिल-जुलकर रहते हें वे ।

बस,उनकी बातों को आप न काटें..चाहे गलत हो या सही ..वर्ना वे नाराज़ हो जाते हैं !

इतने नाराज़ कि कई दिनों तक वे बिना मनाये वापस ही नहीं आते हैं !!
इस नाराज़गी से और चौपाल में मास्साब की अनुपस्थिति से से गाँव वालों का आई क्यू लेबल काफी कमज़ोर हो जाता है !!

उनकी नाराज़गी आजकल इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि आजकल के युवा वर्ग गूगल के माध्यम से उनकी आधी-अधूरी जानकारी को काट देते हैं !

इसलिए वे किसी के भी हाथ में स्मार्टफोन देखने पर लगभग चिढ़ ही जाते हैं !!

आज के चौपाल का विषय वस्तु था - बढ़ती हुई गर्मी और उससे बचने के उपाय !

मास्साब के समाचार एवं जानकारी की सुपर फास्ट रेलगाड़ी छोटे- छोटे स्टेशनों को नजरअंदाज करते हुए अच्छी-खासी चल रही थी कि एक जानकारी के कारण समाचार के ट्रेक से उतर जाने के कारण फिर न आने की धमकी मिली ग्राम चौपाल के नियमित यात्रियों को ..दर्शकों को यानि ग्रामवासियों को !!

काफी जाँच-पड़ताल के बाद समाचार रेलगाड़ी के ट्रेक से उतरने का कारण ससुरी फिर से वही मोबाईल की जानकारी ही
निकली !!

इस बार तो मोबाईल के बैन पर ही बात आ गई क्योंकि उन्हें ये बिलकुल पसंद नहीं था कि क्रिकेट में किसी फोर्थ अंपायर की ज़रूरत हो और ग्राम चौपाल में बरसों से अनुभव के आधार पर हासिल की गई जानकारी पर कुछ भी कटाक्ष हो !!

मास्साब ने बोल दिया तो बोल दिया ।
ये ससुरी मोबाईल तो दुश्मन ही हो गई मास्साब की !!

पहला उपाय है - पेड़-पौधे हर व्यक्ति को इस अगले मानसून में लगाकर पूरे पाँच वर्ष तक रक्षा करनी होगी !

दूसरा उपाय ,कोई भी व्यक्ति गाँव में पेड़ नहीं काटेगा !

तीसरा उपाय , ए. सी.कोई भी नहीं लगायेगा बिना ग्राम चौपाल के अनुमोदन के ।

चौथा उपाय- आम ,नीम और पीपल जैसे पेड़ अधिक से अधिक लगाये जायेंगे क्योंकि ये ऑक्सीजन अधिक से अधिक देते हैं लगभग..

अब मास्साब बोल रहे थे कि हवा में ऑक्सीजन की मात्रा सोलह आने में पन्द्रह आने होने चाहिए यानि
चौरान्वे प्रतिशत !!

अब गाँव के प्रतिष्ठित लाल बुझक्कड़ यानि मास्साब अपनी जगह सही थे क्योंकि ये उनका बरसों का ज्ञान था !!

पाचवाँ उपाय बताने ही वाले थे मास्साब कि उनका पढ़ाया हुआ तथाकथित शिष्य गोलू अपने गूगल ज्ञान के आधार पर बीच में ही टपक पड़ा कि मास्साब आपके द्वारा दी जा रही जानकारी गलत है !!
चौरान्वे नहीं ,मात्र इक्कीस प्रतिशत ही होनी चाहिए !!

बात ऑक्सीजन की उपस्थिति इक्कीस या चौरान्वे प्रतिशत की नहीं रही अब !!

बात तो इमेज तक पहुँच गई मास्साब की !!

अब तो मास्साब सीधे राष्ट्रपति शासन यानि कर्फ्यू लागू करने की स्तर तक नाराज़ हो चुके थे !!

ग्राम के अन्य उम्रदराज व्यक्तियों के हस्तक्षेप और माफ़ीनामे की कार्रवाई के बाद मास्साब का गुस्सा शांत हुआ मगर गोलू का ग्राम चौपाल से बहिष्कार के आधार पर !!
मगर बड़प्पन दिखाते हुए गोलू को मास्साब ने माफ कर दिया ..इस शर्त पर कि अगले दिन से कोई भी मोबाईल लेकर ग्राम चौपाल में नहीं बेठेगा !!

अपनी जानकारी को मास्साब ने इस आधार पर भी दुरूस्त कर लिया था कि हो सकता है, गोलू के द्वारा दी गई जानकारी सत्य हो मगर हमारे ज़माने में वातावरण अत्यधिक समृद्ध व शुद्ध होने की वजह से लगभग चौरान्वे प्रतिशत ही था , ऐसा हमारे बुजुर्ग भी कहते थे !! ये आजकल के लोग क्या जानेंगे !

इसीलिए हमें अधिक से अधिक पौधे लगाने ही होंगे हम सभी को और सिर्फ लगाने से ही काम न चलेगा,पौधे बचाने भी होंगे !!

और पाचवाँ उपाय यही है कि हम रबि और खरीफ फसलों के साथ ही साथ जायद फसलें भी लेंगे !!

और किसी उपाय पर चर्चा आगे बढ़ती कि घर में खाना बन जाने का समाचार छोटे बच्चों द्वारा प्राप्त होते ही आज के चौपाल का समापन की औपचारिक घोषणा हो चुकी थी !!

सभी बुजुर्ग अपने -अपने घर की ओर रवाना हो चुके थे शाम को ही डिनर करने !!

युवाओं का गप-शप अभी भी जारी था ।

अब देखते हैं,अगले दिन के चौपाल में मास्साब या कोई और नाराज़ होता है या बिना कोई मोबाईल इन्टरफेयर के ही चौपाल
चलता है !!

ये रूठने-मनाने का सिलसिला ही तो चौपाल को और ग्रामीण परिवेश को जिन्दा रखा हुआ है
आज भी !!

दोस्तों,
यही तो अन्तर है जीने की शैली में !

अब तो कोई रूठ जाये तो मनानेवाला ही कोई नहीं !!

बुजुर्गों की पुरानी कहावत है , अगर घर को खुशहाल रखना है तो सुबह का झगड़ा दोपहर तक खतम कर लेना चाहिए !!

दोपहर के झगड़े को शाम तक और शाम के डगड़े को रात तक खतम कर ही लेनी चाहिए !!
यानि अगली सुबह तक झगड़े को किसी भी स्थिति में बचाकर नहीं रखनी चाहिए !

दोस्तो, कैसी लगी आपको आज की चौपाल !!
अब देखते हैं अगले चौपाल में क्या होता है !!
तब तक के लिए बहुत-बहुत नमस्कार धन्यवाद !
जय हिन्द !
जय ग्राम चौपाल !!


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (11)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

आचार्य जी सुन्दर विषय को समक्ष लेकर आये - सबसे पहले तो इस ग्राम चौपाल के आलेख के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद सारी पुरानी यादें ताज़ा होगयीं - जबसे शहर में आया हूँ ऐसा कुछ देखने सुनने या बैठने को नहीं मिलता: आप आश्चर्य करेंगे इस आलेख को मेरे द्वारा पढ़े जाने पर मुझे होने वाली अनुभूति के बारे में :- 1. मास्साब जी का ज्ञान - गोलू का हस्तक्षेप - और मास्साब जी की नाराजगी इन सब पर पहले पहल तो बहुत ही हंसी आयी इसलिए नहीं कि यह क्या हो रहा है बल्कि इसलिए की मुझे अपनी ग्राम चौपाल याद आगयी 2. अपनी धर्म पत्नी जी को पढ़ाया उनको भी ग्राम चौपाल के बारे में पढ़कर बहुत अच्छा लगा एवं वह भी बहुत हंसीं ऐसा लग रहा था मनो हम दोनों ही ग्राम चौपाल में जाकर बेथ गए हैं बस मास्साब जी हमें देख और सुन नहीं सकते वर्ण नाराज़ होकर चले जाते 3. मास्साब जी के पांचों उपाय उनकी नज़र में भी, मेरी नज़र में भी और विज्ञान की नज़र में भी एकदम जायज़ हैं - चौपाल में क्या हुआ क्यों हुआ कैसे हुआ वो हंसने हंसाने के लिए अपनी जगह लेकिन मास्साब जी के ज्ञान का निचोड़ अपनी जगह 4. ग्रामे एव संसारः अस्ति, ग्रामे एव संस्कृतिः अस्ति, ग्रामे एव समाजः अस्ति, ग्रामे एव प्रकृतिः अस्ति। अर्थार्थ गांव से ही संसार है ,गांव से ही संस्कृति है , गांव से ही समाज है गांव से ही प्रकृति है 5. आपका बहुत बहुत आभार इस विस्मय से परिपूर्ण लेख के लिए शुभ रात्रि श्रीमान Waiting for the next Chaupal...

वेदव्यास मिश्र said

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' जी, मेरे हृदयप्रिय साहित्य प्रेमी एवं साक्षी भाव से पढ़कर एवं अनुभूति कर अपनी भावनाएं बेबाक व सारगर्भित ढंग से रखने वाले मेरे जाने जिगर दोसत..आपको हृदयस्धल से नमन करता हूँ !! आपकी समीक्षा पढ़कर भाव-विभोर हो गया हूँ !! आपकी धर्मपत्नी जी को और आपको भी मेरी धर्मपत्नी जी एवं बच्चियों के तरफ से सप्रेम मिलन !! आपके द्वारा संस्कृत में लिखी सूक्तियों ने मालामाल ही कर दिया है !! सचमुच आपने सही कहा कि ग्राम संस्कृति ही जीवन का आधार है !! बहुत-बहुत शुभाशीष नमन !! आइये कभी हमारे ग्राम चौपाल में और निश्चित ही अध्यक्षता के लिए आमंत्रित करूँगा आपको !! मास्साब को हम लोग समझाते-समझाते थक चुके हैं !! अगर आपके माध्यम से मोबाइल सम्बन्धी अडचन दूर हो जाये और उनका अड़ियल रवैया तो क्या कहना 🙏🙏 वैसे मास्साब सत्तर-पिचहत्तर का होने के बावजूद अपने आपको पच्चीस का ही मानते हैं !! किसी के द्वारा पता पूछने पर वे साथ में ही निकल जाते हैं पता पूछने वाले के साथ !! और उसे मुफ्त में ही बहुत से अन्तरराष्ट्रीय ज्ञान मुफ्त में ही मिल जाते हैं..और क्या मजाल कि वे ज्ञान किसी गूगल में मिले !! वे स्वयं में ही ज्ञान के अवतार हैं ...गूगल उनसे हैं.गूगल से वे नहीं.स्वयंभू अवतार हैं इसलिए वे किसी के ज्ञान को ज्यादा तवज्जो नहीं देते !! लेकिन हमें पूरा यकीन है..आपके द्वारा एक महान प्रयास करने में कोई दिक्कत तो है नहीं !! वैसे उनका मासूम चेहरा आपको द्रवित कर देगा !! बहुत ही नेकदिल हैं मास्साब 😍😍😁😁😍😍

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Suprabhat Pranam Acharya Ji.. aapka aur pariwar ka bahut bahut aabhaar is sneh ke liye. Aaj khoj Raha tha Naya kuch aaya nahi socha purana hi dobara se padh lete hain. Avashya hi kabhi aapse aur massab se milna pasand karunga... aur ye Mera saubhagya hoga...🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' जी, खुले दिल से स्वागत करेंगे भाई साहब परिवार सहित !! स्नेह स्वयं में ही आमंत्रण है !! नमन इस उच्चस्थ भावना को !! 💜💜

Keerti sharma said

Chaupal ko E- chaupal banane ke liye aapka bahut bahut shukriya bahut achha lekh Jo gaon ki jindgi ki sachhaiyon or masumta ko darsata hai

वेदव्यास मिश्र said

Keerti sharma मैम जी, आपकी प्रतिक्रिया से निश्चित ही मुझे हौसला मिल रहा है !! आनन्दित एवं अनुगृहित आभार 🙏🙏💜🙏🙏

Raman Pratap said

गोलू भैया जिंदाबाद !!

वेदव्यास मिश्र said

Raman Pratap जी, गोलू और गूगल ...सचमुच जिन्दाबाद 🙏🙏💜💜🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

Keerti sharma जी, अभिनव नमन आभार अति उत्तम प्रतिक्रिया के लिए !!

Manju Sharma said

Bahut hi badhiya hasya aur bujurgon ke tajurbe ke taal mel ko achhe se kalambadh kiya hai, Part 2 ka intzaar rahega

वेदव्यास मिश्र said

Manju Sharma जी, सधन्यवाद आभार नमन मैम आपकी लगातार मिल रही समीक्षा के लिए !! बहुत ही आत्मिक भाव से कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ !! कृपया आगे भी ऐसी ही उपस्थिति बनाये रखियेगा 🙏🙏 ग्राम चौपाल के 02,03और 04 भाग प्रसारित हो चुके हैं !! कृपया सर्च कीजियेगा..भूत-प्रेत-अंधविश्वास विशेषांक है..जिसमें आपको मास्साब की हरकतें हँसायेंगी और गुदगुदायेंगी भी !! पुन: आभार 🙏💜💜🙏

विषय चर्चा श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन