अक्सर मैंने देखा है कुछ लोगों को,
खुद में बड़े ही मग़रुर रहते हुए।
खुद को सबसे बड़ा समझते हुए,
और दूसरों को नीच समझते हुए।
अक्सर मैंने देखा है कुछ लोगों को,
खुद की ही डींगे हाॅंकते हुए।
झूठी कहानी सुना लोगों में नाम-ज़द बनते हुए,
और दूसरों की सच्ची काबिलियत को भी झूठा
साबित करते हुए।
अक्सर मैंने देखा है कुछ लोगों को
पल - पल मुखौटा बदलते हुए।
कभी अपना होते हुए,
तो कभी उस अपनेपन पर दाग़ लगा, पराया होते हुए।
💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐