लेख, गर आकर्षित है तो हवाला तक़दीर होता है
बद क़िस्मत कोई नहीं कर्तभ्य से तक़दीर बनता है
तक़दीर मेरा उसने अपने क़ब्जे में कर रखा मेरा यकीं
धन से कमज़ोर है"वसी" दिमाग़ कायनात में रहता है
हम जो लिखते हैं या देते हैं संदेश दुनियां जहान को
यह लिखा गया है या पहले था हमने देखा नहीं है, वसी
वसी अहमद क़ादरी
वसी अहमद अंसारी