जिसे मिली है जहान में दौलत यह जानने की कोशिश नहीं की के मिली है किस लिए
मुकम्मल जहान की बात न कर _ धनमान लोगों ने खुदा की जागीर न देखा न मिलेगी कभी
सिर्फ़ एक जहान है धरती पर साइंस के मुताबिक़ सभी आंखों में शक्ति एक जैसा नहीं होता
धन न जागीर रहा है न मिराश किसी का ऐसा होता तो सिकंदर का नस्ल सभी बादशाह होता
कोई बादशाह नहीं किसी दौर में शक्ति का गलत प्रयोग किया खुदा का बंदा का हक़ छीना है
जिसमें इंसाफ़ नहीं वह ज़ालिम है गरीब हो या कोई राजा महाराजा हो धरती पर
सिर्फ़ एक हुवे ज़मीन पर बादशाह खुदा की नज़र में मेरी आंखों में हज़रत मुहम्मद थे
खुदा को किसने देखा है जिसका है ब्रह्माण्ड ऐसे समझें कि सच्चाई भी दिखाई नहीं देता है
खुदा एक है दो न कभी था न होगा कभी वैसे तो सभी देश प्रधान मंत्री ख़ुद को खुदा समझता है
वसी अहमद क़ादरी ! वसी अहमद अंसारी
मुफक्किर मखलुकात! मुफक्कीर कायनात
लेखक ! कवि ! 02 जून 2025

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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