ज़िंदगी को खूबसूरत बनाने का प्रयास
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ज़िंदगी हर व्यक्ति के सामने अपने अलग-अलग रूप लेकर आती है। कभी यह सहज और सरल लगती है तो कभी चुनौतियों से भरी हुई। किन्तु यह तय है कि जीवन हमें जैसा भी प्राप्त हो, उसे स्वीकारना और संवारना हमारे अपने प्रयासों पर निर्भर करता है।
जीवन की वास्तविकता यही है कि यह हमेशा हमारी इच्छानुसार नहीं चलता। लेकिन इसे खूबसूरत और सार्थक बनाने की शक्ति हमारे भीतर ही निहित है। जब हम पूरे मन, पूरे दिल और पूरी ईमानदारी से जीवन को जीने का प्रयास करते हैं, तब कठिन से कठिन परिस्थितियाँ भी हमारे आत्मविश्वास और दृढ़ता को और प्रखर बना देती हैं।
ज़िंदगी की कसौटी पर वही खरा उतरता है, जो सच में उस पर खरा उतरना चाहता है। केवल भाग्य या मुक़द्दर को कोसने से कभी भी मंज़िलें हासिल नहीं होतीं। वास्तव में, मुक़द्दर पर रोने वालों की कोई कमी नहीं है, लेकिन अपने कर्म और सकारात्मक दृष्टिकोण से आगे बढ़ने वाले लोग ही जीवन को सार्थक बनाते हैं और दूसरों के लिए प्रेरणा बन जाते हैं।
अतः आवश्यक है कि हम जीवन को जैसा भी मिले, वैसा ही स्वीकार करके उसे अपने प्रयासों, संघर्षों और सृजनात्मक दृष्टि से सुंदर बनाएँ। यही सच्चे जीवन का सार है और यही जीने की वास्तविक कला।
“ज़िंदगी आपको जिस रूप में भी मिले, उसे खूबसूरत बनाना आपके अपने प्रयासों पर निर्भर करता है।”
— डाॅ. फौज़िया नसीम शाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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