एहसास तेरे होने की
ये मेरा दिल हीं जनता है।
तू माने या न माने
पर ये ज़माना मानता है।
खुदगर्ज नहीं मैं कोई
ना हीं मैं खुदा हूं
हां इतना तो जरूर है
मैं दुनियां से कुछ
जुदा जुदा सा हूं।
पर ये मत समझ कि
मैं तुझे मानता नहीं
पहचानता नहीं
तू भी है आदमी
मैं भी हूं आदमी
आदमी होकर
आदमी को जानता नहीं।
शायद मुझे पहचानता नहीं।
नियत तेरी क्या है
ये तो तू हीं जनता होगा।
तेरी सोंच तेरी मानसिकता
दर्शाती है।
तू लगता कोई मेंढक बरसाती है..
तू लगता कोई मेंढक बरसाती है...