यकीन कर
डॉ0 एच सी विपिन कुमार जैन" विख्यात"
यकीन कर तू बदल सकता है,
किस्मत की लकीरों को,
कर्मों की कलम से लिख ,
नई तकदीरों को।
ये हाथ ही रचते हैं भाग्य अपना,
ओ नादान,
लिखने वाले खुद लिखते हैं ,
अपने तकदीरों को।
मत देख तू कल क्या था,
अब क्या है तेरा हाल,
अपनी कोशिशों से रच दे,
तू अपना सुनहरा काल।
हर मुश्किल में छिपी है ,
एक नई उड़ान की शक्ति,
पहचान अपनी,
बन तू अपनी कहानी की भक्ति।
तू सागर की गहराई,
तू पर्वत की है शान,
अंदर की ज्वाला को पहचान,
भर दे तूफ़ानी जान।
मत मान तू कमजोर,
मत डर तू ज़माने से,
तेरी हिम्मत ही बदलेगी,
हर बिगड़े अफ़साने से।
उठा अपनी आवाज़,
मिटा दे हर अन्याय,
अपने हौसलों से ,
कर दे तू हर सपना साकार।
यह जीवन तेरा है,
इसे तू ही बनाएगा,
इतिहास के पन्नों पर ,
अपना नाम लिख जाएगा।