आस्था है हमारी इस पर सवाल मत पूछो
राम बसते है ! हृदय मे हमारे उन्हे नमन
तुम आज करो,
तुम क्या ज़ानो राम क्या है !
राम आधार है,अवलम्ब राम है
सनातन का स्वाभिमान राम है
रगो मे बह रही जो धारा उसकी
एक-एक बूंद राम है!
श्वासों की डोर राम है
दिल और धड़कन भी राम है!
अरे! हमारा तो आरम्भ भी राम है
और अंत भी राम मे ही होगा
इसलिए तो कहती हू मै
आस्था है हमारी इस पर सवाल मत पूछो
राम बसते है ! हृदय मे हमारे उन्हे नमन
तुम आज करो,
भारत के कण -कण मे राम है,
जल मे राम है ,वायु राम है,
धरा और आकाश भी राम है
यञ कुंडो मे जल रही जो अग्नि
वह भी तो राम है,
थोडे से शब्दो मे कहू तो
पंच तत्व ही राम है
इसलिए तो कहती हू मै ,
आस्था है हमारी इस पर सवाल मत पूछो
राम बसते है ! हृदय मे हमारे उन्हे नमन
तुम आज करो,
कोई मानस की प्रतियां फाड़ता ,
कोई अस्तित्व ही नकारता
कैसे -कैसे कुकृत्य हुए,
देख इसे हृदय मे शूल सा उतर जाता है
नयनो मै ज्वालामुखी धधकता ,
अगर कही फट जायेगा
राम ही राम सब राममय हो जाएगा
कैसे तुम्हे समझाए हम
भारत हमारा राम हमारे
राधा संग श्याम है
स्वयंभू विश्वनाथ भी तो यहां है
इन्हे पूजने कहो कहां चले जाए हम
इस माटी मे जन्मे राम
हमने भी वहीं जन्म पाया है
सनातनियों ने शीश अपना
उन्हीं श्री चरणो मे झुकाया है
जहां जन्मे प्रभु हमारे
हम भी वही रम जायेंगे
राम को छोड़ अब कहीं नहीं जायेंगे
इसलिए तो कहती हूं मै
आस्था है हमारी इस पर विश्वास करो
राम बसते है ! हृदय मे हमारे उन्हे नमन
तुम आज करो,
बरसों बाद यह शुभ क्षण आया
आओ सब मिल मंगल गान करो
#अर्पिता पांडेय