"नवरात्रि- नारी शक्ति का उत्सव"
वर्ष में आता है विषुवत काल,
चैत्र व अश्विन माह के पक्ष है शुक्ल
इस समय होता है दिन-रात समान,
नवरात्र माह में होता है पूजन ।
नौ दिन होगा शक्ति स्वरूपणि माँ का गुणगान,
माँ शैलपुत्री जिनका है पर्वत स्थान
करें आराधना तो होता है कल्याण,
माँ ब्रह्मचारिणी का शिखर है वाहन ।
करें साधना दुखों से उठकर मिलता सुखी जीवन,
माँ चंद्रघंटा के मस्तक पर है घंटे का अर्धचंद्र
करें भक्ति तो घंटे के समान हो कंपन
सकारात्मक ऊर्जा से भाग्य को करें समृद्ध ।
माँ कूष्मांंडा का अभिप्राय है कद्दू,
सूर्य लोक में है करती हैं निवास
करें भक्ति,भक्तों की बुद्धि का होता विकास,
माँ स्कंदमाता का विग्रह है चार भुजाओं वाला।
कमलासन पर विराजमान,सिंह की करती सवारी,
करें भक्ति मिलती सुख व शान्ति
माँ कात्यायनी हैं दिव्यता के अति गुप्त रहस्यों की प्रतीक,
करें भक्त उपासना, माँ कृतार्थ करती दर्शन देकर।
माँ कालरात्री का स्वरूप है अति भयावह,उग्र
भक्तों को दानव,राक्षस,भूतप्रेत से करती अभय प्रदान,
माँ महागौरी की उपासना से जन्म-जन्मांतर के धुलते पाप
निर्धनता,दींनता,दुख,पाप-संताप नहीं आते पास ।
माँ सिद्धिदात्री का करें पूजन-अर्चन,
मिले सब प्रकार की सुख-शांति का वरदान
नवरात्रि में करें नौ देवियो का गुणगान,
सबका सुखी हो जीवन,संसार का कल्याण।
रचनाकार- पल्लवी श्रीवास्तव
ममरखा, अरेराज, पूर्वी चम्पारण (बिहार )

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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