कोई हिंदू बन रहा है
कोई मुसलमान बन रहा है
हैं सब इंसान के बच्चे
ना कोई इंसान बन रहा है।
आपस में लड़ लड़ के
सब ख़त्म हो रहें हैं।
और इंसानियत के दुश्मन
मज़े लें रहें हैं।
पढ़े लिखे होकर भी
सब अज्ञानी हो रहें हैं
दुनियां सूरज को आईना
देखा रही है और हम
पंडित मूल्ला में हीं लगें हैं।
अरे धर्म भी ज़रूरी है
पर कट्टरता नहीं उदारता संग
धार्मिक उन्माद नहीं सबके उमंग
हों सभी की खुशी की कामना
करें सभी सत्य का सामना
भरता भू तो सदियों से गरिमा की
पात्र रही है।
इसे अपने हीं तनायों से रक्त रंजित ना
होने दीजिए।
सभी भारतवासी आपस में मिल जुल
कर रहिये।
सर्फ जय हिंद जय भारत कहिए
सब आपस में प्रेम सौहार्द बनाए
रखिए।
फिर देखना ये देश कहां तक जाएगा
भारत देश दुनियां का सिरमौर बन
जायेगा।
ना होगा कोई भूखा रूठा
सबका भला हो जाएगा
तब सबका भला हो जाएगा...