सौदागर तू सौदा कर ले,
पैसो के बदले बचपन दे दे,
दे दे मेरे ख़ुशी के पल तू,
सौदागर तू सौदा कर ले,
सौदागर तू सौदा कर ले,
नानी दादी के वो पल भी देदे,
गांव की गलियों में बेफिकर जीने दे,
सौदागर तू सौदा कर ले,
सौदागर तू सौदा कर ले,
अब जीने दे उन ठंडी छाँव में,
माँ के आँचल और पिता के गाँव में,
देदे मुझको वो पल बचपन के ,
सौदागर तू सौदा कर ले,
सौदागर तू सौदा कर ले,
सोचा न था जब वक्त गुजरेगा....
....बचपन भी रुत संग गुजरेगा ,
बीती यादें वो होली दिवाली....
....अब तू बचपन के देदे,
सौदागर तू सौदा कर ले,
सौदागर तू सौदा कर ले,
कवि....राजू वर्मा द्वारा लिखित
सर्वाधिकार अधीन है