ज़िन्दगी को सज़ा नहीं कहते।
हर ख़ता को ख़ता नहीं कहते।
वक़्त के साथ जो बदल जाए,
उसको अच्छी अदा नहीं कहते।
मिलते रहते हैं वो जो ख़्वाबों में,
हम उन्हें अलविदा नहीं कहते।
हमतो कहते हैं बस ख़ुदा को ख़ुदा,
ना' ख़ुदा को ख़ुदा नहीं कहते।
डॉ० फ़ौज़िया नसीम 'शाद'

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




