सत्य शिव सगाई
तुझे ढूंढती इस निगाहों से पूछो
हताशा का सदमा बेहोशी में देखो
बेकरारी छाई बेचैनी है आई
दुश्वार जीना जिंदगी से पूछो
तुझे ढूंढती इस निगाहों से पूछो…..
छिपे हो कहाँ आसार दे दो
हो सके तो अहसास को भर दो
दूरियाँ है पर साथ तो दे दो
तश्वीरमें एक सन्देश दे दो
तुझे ढूंढती इस निगाहों से पूछो….
भम्र की ये दुनियाँ राज न आई
तन्हाई में दुहाई न आई
दुआ ले रहे अब सत्य शिव सगाई
जन्म जन्म की प्रभु प्रीत लगाईं
तुझे ढूंढती इस निगाहों से पूछो…..
बिन कृपा अब कदम चले न कोई
थाम लो हाथ प्रभु भावना भी लाई
बेकरारी में मैंने ज्योति जलाई
दहलीज की बाँधी प्रीति पकड़ो कलाई
तुझे ढूंढती इस निगाहों से पूछो…..