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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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कविता की खुँटी

                    

गजल - अपना नहीं कोई

कापीराइट गजल

कोई शिकवा नहीं तुम से शिकायत नहीं कोई
बन सके न हम किसी के अपना नहीं कोई

कितने अरमां थे दिल में तुझे बसाने के लिए
टूटा है ये दिल इतना कि ठिकाना नहीं कोई

यहां आप को हम अपना अब कह नहीं सकते
नजर आते हैं सब अपने पर अपना नहीं कोई

अपने मतलब की खातिर वो साथ रहते हैं मेरे
किसी निगाह में अपनी अब सपना नहीं कोई

ये कैसा दस्तूर है यारो इस जमाने का यहां
यहां पे हमदर्द बहुत हैं मगर अपना नहीं कोई

मैं लुटा हूं इस तरह कि कुछ मेरे पास नहीं
ये आंखें हैं सूनी सूनी इनमें सपना नहीं कोई

क्यूं बेचैन हो गए हो, इस बात से तुम यादव
इस मतलबी जहां में अब अपना नहीं कोई

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

श्रेयसी said

शब्द हीं नहीं इतना सुन्दर है। सादर प्रणाम लेखराम भैया 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद मेरी प्यारी बहना, आपको सादर नमस्कार।

रीना कुमारी प्रजापत said

Bahut sundar gazal..... Lekin ye to galat baat hai kisane kaha apka apana koi nhi pura likhantu pariwar hai to shi

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद मेरी प्यारी बहना, अच्छा है आपने मुझे याद दिला दिया कि लिखनतु परिवार अपना है, लेकिन कितने लोग हमारी परवाह करते हैं सिवा पांच लोगों के, कितना अपनापन मिलता है हमें।

उपदेश कुमार शाक्यावार said

Very true....दिल से

Lekhram Yadav replied

आदरणीय उपदेश जी, आपको हार्दिक धन्यवाद सहित सादर नमस्कार ।

सुभाष कुमार यादव said

बेहतरीन ग़ज़ल ।👌👌👌

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद एवं आभार सुभाष जी।

अर्पिता पांडेय said

Bahut Sundar prastuti sadar naman 🙏 Aapko

Lekhram Yadav replied

आदरणीय अर्पिता जी, आपको धन्यवाद एवं आभार सहित सादर नमस्कार।

कमलकांत घिरी said

बेहद ही सुंदर रचना सर जी, एक एक शब्द जानलेवा है👌 बहुत मस्त सर जी ✍️👏🙌👌🙏 आपको सादर प्रणाम 🙏

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात एवं धन्यवाद सहित सादर नमस्कार कमलकांत भाई

वन्दना सूद said

ऐसा लगता है भावनाएँ हर पंक्ति को भिगो रही हों 🙌🏻🙌🏻👏👏👌👌क्या कहें sir लाजवाब

Lekhram Yadav replied

आदरणीय वन्दना जी आपको बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद एवं सादर नमन

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