रिश्तों की डोर, प्रेम का पैगाम,
बहना के चेहरे पर, है मुस्कान तमाम।
भाई की कलाई पर, बंधा ये प्यार,
संग देता है सदा, खुशियों का उपहार।
दूरी हो चाहे जितनी, दिल से है पास,
राखी के धागों में, बसा विश्वास।
जन्म जन्मों तक ये नाता रहे अटूट,
भाई-बहन के रिश्ते का, न हो कोई टूट।