गिल्ली-डंडा
बचना दोस्तों
संभलना दोस्तों
कभी एक खेल हुआ करता था गिल्ली डंडा
आजकल लोग हमारे दिल को अपने डंडे की गिल्ली बनाकर खेलते हैं
और हम भावनाओं में बह कर उनके डंडे की मार सहते चले जाते हैं
बचना सीख लो इस गिल्ली डंडे के खेल से
क्योंकि खेल खेलने वाले का कुछ नहीं बिगड़ेगा पर तुम कब बिखर कर टूट जाओगे पता भी नहीं चलेगा ..
वन्दना सूद