राहों के काँटे
डॉ.एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
जीवन की राहों पर, काँटे बिछे हैं,
हर मोड़ पर कुछ, इम्तिहाँ छिपे हैं।
कभी डराती है, गहरी खाई कोई,
कभी तूफ़ान बनकर, आंधी है आई।
कभी मन उदास, कभी पथ है कठिन,
हर साँस लेती है, एक नया दिन।
छलकता है आँसू, टूटते हैं सपने,
पर रुकना नहीं है, ओ मेरे अपने।
ज़िंदगी की परीक्षा, है हर एक पल में,
ताक़त मिलेगी, तेरे अंतर्मन में।
गिरकर भी उठना, है इसकी पहचान,
हर ठोकर सिखाएगी, तुझको उड़ान।
संघर्षों से ही तो, तू निखर पाएगा,
हर मुश्किल से कुछ, सीख पाएगा।
डर को भगा दे, हिम्मत से काम ले,
हर चुनौती को तू, अवसर का नाम दे।
ये राहों के काँटे, तुझे रोक ना पाएँगे,
मंज़िल तक तुझे, ये ही पहुँचाएँगे।
यही तो हैं जीवन के, सच्चे हमराह,
जो तुझे बनाएँगे, तूफानों का शाह।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




