इश्क में प़ड कर पीछा छुड़ाना चाहते हो।
आग के दरिया से बच निकलना चाहते हो।।
बड़ी बंदिशें तोड़कर बेचैनियों को बढ़ाया।
अब इन झंझटों से बाहर निकलना चाहते हो।।
थोड़ी सी हमदर्दी क्या मिल गई थी उनसे।
ऐसा क्या लुट गया जो नजरे चुराना चाहते हो।।
चाक दामन बचा कर निकलोगे कैसे तुम।
दो दिन की गुफ़्तगू को सूखे भुलाना चाहते हो।।
इश्क की समझ नही स्याह दीवारें 'उपदेश'।
बिना दाग लिए बचा कर निकलना चाहते हो।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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