मैं,
एक कलाकार हूं,
तुम मुझे भूल से,
एक कवि मत समझ लेना
शब्दों को जोड़-तोड़कर,
आगे पीछे ऊपर नीचे करके,
तो कभी शब्दों का अर्थ बदलकर,
मैं कविता बनाता हूं,
अतः मैं एक कलाकार हूं,
तुम मुझे भूल से एक कवि मत समझ लेना|
सच तो इतनी बारीकी से बोलता हूं,
कि सच की तुम्हारी पहले की जितनी भी,
विचार धाराणआ है सब ध्वस्त हो जाएंगी|
सच का झूठ,
झूठ का सच बनाने में,
मैं माहिर हूं|
झूठ बोलकर लोगों से,
तालियां बजवाना, ठहाके लगवाना,
तो कोई मुझसे सीखे,
मैं एक कलाकार हूं,
लोगों का मनोरंजन करता हूं,
अतः तुम मुझे भूल से एक कवि मत समझ लेना|
-मनस्व

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




