कापीराइट गीत
कान्हा तेरी बंसी, मुझ को बुलाए रे
ये तान मीठ-मीठी सबको सुनाए रे
छोटी सी गइया वो पेड़ों की छइया
मुरली, की धुन पर, नचाए कन्हैया
राधा भी सुनके दौड़ी चली आए रे
ये तान मीठी ------------------------
हवाएं, भी झूमें, ये लताएं भी झूमें
बंसी की धुन पे, ये घटाएं भी झूमें
ये रास गोपियों के संग में रचाए रे
ये तान मीठी - ----------------------
फूलों की खुशबू, नदिया का पानी
क्यूं राधा और मीरा हैं प्रेम दीवानी
रूकमण को बात ये कौन समझाए रे
ये तान मीठी - -----------------------
सब मस्ती में झूमें इन पेड़ों पे पंछी
सुधबुध चुराए कान्हा, तेरी ये बंसी
यमुना का पानी, कहानी सुनाए रे
ये तान मीठी - ----------------------
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
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