तेरे इम्तिहानों से कब,
मैं पीछे हटा ये जिंदगी,
प्रश्न दर प्रश्न तू भेजती रही,
उत्तर दर उत्तर मैं लिखता रहा।
पूछा है घुमा कर जो,
प्रश्न इस बार जो तूने
उत्तर दूँगा इस बार भी,
हाँ इल्तिज़ा जरूर है इतनी सी ,
नतीजा लिखने की जल्दी में,
मेरे उत्तर को नजरअंदाज मत करना।