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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

सारा शहर डूबा हुआ है

कापीराइट गीत

सारा शहर डूबा हुआ है बेवक्त बारिशों में
परेशां हैं यहां लोग हर वक्त बारिशों में

शहर की सङकों को है बारिश से दुश्मनी
सङकों की हालत से परेशां है हर आदमी
बनता है ये नया कारवां छोटी सी बारिशों में
परेशां हैं यहां लोग .................

सङकें बनी समन्दर जो बारिश हो जोर की
कश्ती में हमने तब यूं बारिश में सैर की
बङे निराश हैं सभी इन बेवक्त बारिशों में
परेशां हैं यहां लोग ................

हर बार चीख इसकी गूंजी है विश्व भर में
लेकिन ये उपाय सारे लटके हुए अधर में
बेनकाब हो रहे हैं यह हर बार बारिशों में
परेशां हैं यहां लोग................

ये धूसखोर और कामचोर बैठे हैं हर जगह
काम कभी करते नहीं हैं ये रोते हैं हर जगह
ये अफसर नहा रहे हैं यूं नोटों की बारिशों में
परेशां हैं यहां लोग .................

अब ऐसे शहर में कोई कैसे बसर करेगा
ये विकास भी यहां पर सौ बार दम भरेगा
नावों में कर रहे हैं ये सब बात बारिशों में
परेशां हैं यहां लोग ...............

अय मेरे खुदा तू ही चला दे ऐसी कोई लहर
खुल जाएं ये रास्ते आसां हो जाए यह सफर
मेरा शहर बना है झील हल्की सी बारिशों में
परेशां हैं यहां लोग ..................

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Umda bahut khoob aapne apne shahar ka Dard-E-Dil bahut khoob bayan Kiya hai, Gurgaon shahar ki khabrein milti hain baris ke mausam me aasha karta hun jimmedari afsaran log apni jimmedari ko samjhein aur uchit karya ko prabhav me lakar is samsya se nijat dilayein aur vishw bhar me ise baris ke liye nahi business or IT jo ki ek ubharta hua kshetra hai Gurgaon shahar ka uske liye khabron me rahe...aapne jo manzar bayan Kiya hai us manzar me Mnkhud Maruti Kunj se wapas aate samay fas gaya hu ek bar..to aapki rachna dardedil samjh sakta hun..ek adhbhut prayas

Lekhram Yadav replied

सर आप मेरी मुशिकल को समझ सकते हैं और मन को दिलासा दे देते हैं यही मेरे लिए काफी है। धन्यवाद सहित सुप्रभात सर।

ताज मोहम्मद said

आपने अपने शहर के मुद्दे को बहुत ही उम्दा अल्फाजों के सहारे सबके सामने उठाया है। बहुत ही काबिले तारीफ़। बहुत ही शानदार।

Lekhram Yadav replied

ताज भाई मैंने तो सिर्फ एक प्रयास किया है, लेकिन आपने तारीफ करके जो हौंसला बढ़िया है वो मेरे लिए प्रेरणादायक है। आपका धन्यवाद सहित शुक्रिया।

Bhushan Saahu said

Bilkul sahi kha aapne.... itne ache sbdo m sab kuch bayan kr dia.

Lekhram Yadav replied

आदरणीय भूषण साहू जी आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए प्रेरणा का द्वार है।प्रतिक्रिया के लिए आपका आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद करता हू॔।

फ़िज़ा said

Bahut sundar prayas kiya aapne apni rachna ke madhyam se shahar ka haal bayan karne ke liye

Lekhram Yadav replied

आदरणीय फिजा जी धन्यवाद सहित नमस्कार। आपको रचना सुन्दर लगी मेरा सौभाग्य है। आपकी हर प्रतिक्रिया मुझे कुछ नया करने की प्रेरणा देती है। आशा है आप यूंही प्रतिक्रिया भेज कर मेरा हौंसला बढ़ाते रहेंगे।

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