कुम कुम केरा तिलक लगाऊ
चंदन लेप ललाट पधारो साँवरियाँ
सेवा पूजा स्वागत फूल बिछाऊँ
नज़रों से नज़र उतारूँ पधारो साँवरियाँ
मोर पंखपाघ लाऊँ, पीताम्बर पहनाऊं
मन ही मन मुस्काऊँ, पधारो साँवरियाँ
मख़मली जाजम, इत्र छंटकाऊँ
पैरोमें पायल पहनाऊं,पधारो साँवरियाँ
माखन-मिश्री, मधुरा भोग लगाऊं
होसे होसे खिलाऊँ, पधारो साँवरियाँ
गोकुल व्रज छोड़ा, राधा को क्यूँ त्यागा ?
बात ये समझ न पाऊं,पधारो साँवरियाँ
आजाओ प्यारे मोहन, रास संग संग गाऊं
मदमस्त मस्तानी बन जाऊं,पधारो साँवरियाँ
पधारो साँवरियाँ……………