सब कुछ है मेरे पास मगर,
जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं !!
जीवन सूनी-सूनी सी है अब,
जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं !!
अचानक किसी बात पे,
थोड़ा खुश तो हो जाता हूँ !!
पर अगले ही पल खलती है,
मगर इक बस तेरी ही कमी !!
काश पहले समझ जाते,
हमें छोड़के तू है जाने वाला !!
कि तुझको लगाता जी भर के गले,
आँखों में रहती अलग ही नमीं !!
----वेदव्यास मिश्र
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




