कविता : किसी का तो भला करो....
यूं ही कभी भी हाथ न मला करो,
किसी न किसी का तो भला करो।। १ ।।
एक दिन सब को मर कर जाना है
किसी को भी यहां नहीं रहना है
इस लिए घमंड को तोड़ दो
सभी बुरी आदत छोड़ दो
सम्भल सम्भल कर चला करो,
किसी न किसी का तो भला करो ।। २ ।।
अगर कोई पीड़ित हो रहा
सुबक सुबक रो रहा
उसके लिए कुछ न कुछ सोचो जरा
जा कर... आंसू उसका पोंछो जरा
समय के साथ साथ ढला करो ,
किसी न किसी का तो भला करो।। ३ ।।
अन्दर से तन मन शुद्ध करो
छल कपट पाप है पाप से डरो
आओ आओ सभी आओ
बेसहारों को पार लगाओ
नेक विचार न कभी टाला करो,
किसी न किसी का तो भला करो।। ४ ।।
किसी न किसी का तो भला करो.......
netra prasad gautam

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




