मासूम निर्दोष निहत्थे पर क्यूँ वार करते हो
जाति-धर्म के नाम पर तकरार करते हो
तुम भी तो किसी जाति-धर्म के हीं होगे
या अपने नैतिक मूल्यों से इंकार करते हो
क्यूंँ हो इतने निष्ठुर,पापी, अधर्मी, अनैतिक
बेसबब किसी की मांँग सूनी कर बेज़ार करते हो
सब कहते हैं लिखने से बात न पहुंचेगी निर्दयी तक
बेकार क्यूंँ अपना आक्रोश इज़हार करते हो
कुछ तो शर्म करो ख़ुदा से ख़ौफ़ खाओ
क्यूँ एक हीं गुनाह बार-बार करते हो

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




