एक लेखक की जिम्मेदारी
शब्द वो बोलना जो सबकी समझ में आ जाए
अल्फाज़ वो लिखना जो जहन में समा जाए
बात वो कहना जो दिल को छू जाए
लेख ऐसा हो जो जीवन को दिशा दिखा जाए
दुखों की कमी नहीं है आज किसी के जीवन में
इसलिए बात ऐसी न कहना जो दर्द बड़ा जाए
नफ़रत ,ईर्ष्या ,द्वेष से बँटा हुआ है आज संसार
इसलिए बात ऐसी रखना जो सोयी भावनाओं को जगा जाए
प्यार की जगह आज कम है दिलों में
इसलिए बात ऐसी लिखना जो दिलों में प्यार का दायरा बड़ा जाए ,जीवन को जीने का सही सलीका सीखा जाए..
वन्दना सूद