मेरा पैग़ाम है
तेरे लिए कुछ याद लिख रही हूँ..।
तेरे लिए कुछ प्यार लिख रही हूँ..।।
उलझी हुई उलझन में, बेशुमार लिख रही हूँ..।
तेरे लिए मैं दिल की, जज़्बात लिख रही हूँ..।।
कुछ अनकही सी राज़, लिख रही हूँ..।
तेरे लिए अपने अहसास, लिख रही हूँ..।।
ना करना नज़र अंदाज “सुप्रिया” की बातों का..।
मैं तुम्हारे लिए एक खूबसूरत पैगाम लिख रही हूँ..।।
- सुप्रिया साहू