कापीराइट गजल
मेरे साथ दो कदम अगर मिला लोगे
संग मेरे खुशी अपनी तुम मना लोगे
जिन्दगी बन गई है एक ख्वाब बुरा
क्या गम में संग मेरे यूं मुस्कुरा लोगे
साथ दोगे अगर लड़ेंगे हम मिल कर
हर खुशी से तुम दुनियां सजा लोगे
खोल दो ये भेद तुम अपने दिल का
हर किसी को तुम अपना बना लोगे
अगर मानते हो अपना दिल से मानो
तुम्हारे दिल में क्या है हमें बता दोगे
हंसी लाना चाहते हैं तुम्हारे लबों पर
मुस्कुराने के लिए, बता दो क्या लोगे
ये जिन्दगी है ताज कांटों का यादव
क्या हर गम को दिल से लगा लोगे
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है