भ्रष्टाचार का बीज- डॉ एच सी विपिन कुमार जैन" विख्यात "
समाज का ताना-बाना तोड़ते,
रिश्तों को तोड़कर, रोते हैं।
अमन चैन छीन लेते,
दिलों को चीरकर, मारते हैं।
विकास को रोकते,
प्रगति को रोकते।
देश को कमजोर बनाते,
भ्रष्टाचार का बीज बोते।
समाज को बर्बाद करते।
काले नागों से बच के रहना,
इनके जाल में न फंसना।
सत्य और न्याय की राह पर चलना,
समाज को सुधारना।