Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

मेरा दिल थाम लो - सुप्रिया साहू

मेरा दिल थाम लो

कोई हो तो बचा लो, अपना बसेरा बना लो।
जिंदगी ने मिलाया तुमसे, मेरा दिल थाम लो।।

हो कोई बात दिल में, ज़रा हमें भी बता लो।
चुभने न दो उसे यूँ, ज़रा सा बोझ उतार लो।।

हमसे बात करने की, ज़रा अब आदत बना लो।
रूठना मना नहीं हैं हमसे, ज़रा जल्दी मान लो ।।

हो जब सवेरा तुम्हें देखकर हो, ये बात मान लो।
ढलते शाम में भी तुम, हमारा ही साथ मांग लो।।

- सुप्रिया साहू




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

उपदेश कुमार शाक्यावार said

हो जब सवेरा तुम्हें देखकर हो, ये बात मान लो।.... ढलते शाम में भी तुम, हमारा ही साथ मांग लो।। मनोभावनी रचना...सुप्रभात

सुप्रिया साहू replied

बहुत - बहुत आभार एवं धन्यवाद आदरणीय सर जी 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

Lekhram Yadav said

हम तो कब के मान चुके हैं, क्या आप इस बात को मानेंगे, बहुत खूबसूरत रचना, आपको सुप्रभात सहित सादर नमस्कार

सुप्रिया साहू replied

हम भी मान चुके हैं सर जी😊, बहुत - बहुत आभार एवं धन्यवाद सर जी 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

श्रेयसी said

बहुत खूबसूरत रचना सुप्रिया जी 🙏🙏

सुप्रिया साहू replied

बहुत - बहुत आभार एवं धन्यवाद मैम 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

मान गए,मान गए, मान गए, सुप्रिया जी आपकी रचना का लोहा मान गए, खूबसूरत लिखा, वाह!

सुप्रिया साहू replied

बहुत - बहुत धन्यवाद सर जी 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

रीना कुमारी प्रजापत said

Ji thaam liya Supriya ji...😀

सुप्रिया साहू replied

बहुत - बहुत शुक्रिया मैम 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

Shiv Charan Dass said

बहुत खूब

सुप्रिया साहू replied

बहुत - बहुत धन्यवाद दास सर जी 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

Tulsi patel said

क्या खूब लिखा है आपने सुप्रिया जी हम तो आपके मुरीद बन गए हैं। आपसे मिलने की उत्सुकता बढ़ती जा रही है।🥰

सुप्रिया साहू replied

धन्यवाद तुलसी जी🥰😊, समझो अब मिल ही लिए😍, भगवान एक दिन जरूर मिलाएंगे हम लोगों को🤗, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन