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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

मैं चलता रहा सफर में

कापीराइट गजल

मैं चलता रहा सफर में, ये रात ढ़ल गई
यादों के संग सहर में, ये रात ढ़ल गई

ऐसे में तुम कहां हो, ये पूछा जो चांद से
वो चलता रहा सफर में, ये रात ढ़ल गई

अब न नींद थी कहीं, न करार था कहीं

तन्हा थे हम सफर में, ये रात ढ़ल गई

गुप अंधेरी रात में, भी हम जागते रहे
थे इश्क के असर में, ये रात ढ़ल गई


मोहब्बत की ओढ़ चादर, सो गए थे हम
इतने हंसी सफर में, ये रात ढ़ल गई


जब छुप गए सितारे, और भोर हो गई

वो आए नहीं नजर में, ये रात ढ़ल गई

यादव ने उसको ढ़ूंढ़ा, न जाने कहां कहां

वो खो गए अधर में, ये रात ढ़ल गई

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

बहुत खुबसूरत रचना

Lekhram Yadav replied

नमस्कार मेरी प्यारी बहना आपका बहुत-बहुत आभार एवं धन्यवाद

रमेश चंद्र said

Bas aapki rachna ki tarif krte krte ye raat dhal gayi. Bahut sundar.

Lekhram Yadav replied

और हम आपका स्वागत करते रहे और ये रात ढ़ल गई। धन्यवाद सहित नमस्कार रमेश जी।

Saurabh Saini said

Is rat ko smbhal kar rkhiye yadav sir...dhalni nahi chahy.😊🙂🙂

Lekhram Yadav replied

नमस्कार सैनी जी, आपका सुझाव नोट कर लिया है। आपका हार्दिक स्वागत है। धन्यवाद।

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