कूड़े के ढेर पर
मैंने कुछ बच्चे देखे,
लटके नन्हें कंधो पर.
मटमैले थैले देखे.
नन्ही आँखों में सूखते
कुछ आंसू देखे,
मैंने कुछ प्रश्न अपनी
आँखों के आमने
उड़ते देखे,
कमल के फूल
कीचड़ में बिखरते देखे,
मैंने बड़े बड़े घरों
के झरोखो से झांकते
कुछ कुत्ते देखे,
गिद्धों के संग कूड़े के
ढेर पर लड़ते
कुछ बच्चे देखें,
पत्थर होते मैंने
कुछ फूल देखे,